उसीरासव के फायदे

 इसके सेवन से आंख, कान, नाक, मल मूत्र द्वार से होने वाले रक्तस्राव, खूनी बवासीर, स्वप्न दोष, पेशाब में धात जाना, मूत्रकृच्छ , मूत्रघात, उष्ण वात प्रमेह, स्त्रियों के रोग, मासिक धर्म या प्रसव के बाद अधिक रक्त स्राव होना, गर्भाशय दोष आदि में लाभ प्रद होता है।

शुक्र विकार में इसके साथ चंद्रप्रभा वटी का प्रयोग करना बहुत ही लाभप्रद होता है।

यह सौम्य होने से गर्भिणी को भी दिया जा सकता है।

किसी भी प्रकार के रक्त स्राव में विशेष लाभ प्रद है।

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                  Dr.Divakar Pandey 

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